यह प्राथमिकी एक मूर्खता पूर्ण कायराना हरकत और भ्रष्ट आचरण की स्वीकृति है : सरयू राय

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क
रांची : झारखंड के पूर्व मंत्री और निर्दलीय विधायक सरयू राय ने कहा कि मीडिया सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने उनके ऊपर रांची के डोरंडा थाना में एक प्राथमिकी ‘ऑफिशियल सिक्रेट एक्ट’ के तहत अपने अवर सचिव द्वारा दर्ज करवाया है। साथ ही कहा कि उन्होंने उनकी विभाग की संचिकाओं से कतिपय कागजात अनधिकृत रूप से निकाल लिया है। सरयू राय ने कहा कि मंत्री के आदेश पर विभाग के अवर सचिव विजय वर्मा द्वारा की गई यह प्राथमिकी एक मूर्खता पूर्ण कायराना हरकत है और विभागीय मंत्री के भ्रष्ट आचरण की विभाग द्वारा स्वीकृति है। उन्हें भ्रष्ट आचरण करने से परहेज नहीं है और भ्रष्ट आचरण करना वे अपना जन्मसिद्ध अधिकार मानते हैं। उनके भ्रष्ट आचरण का प्रमाण कोई संचिका से बाहर निकाल दे तो यह उनकी नजर में गलत है।
सरयू राय ने बताया कि 1982 में जनता पार्टी, बिहार प्रदेश के प्रदेश महामंत्री के नाते उन्होंने केन्द्र सरकार के खुफिया विभाग द्वारा तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्रा के मंत्रियों के बारे में तैयार किए गए कागजातों को सार्वजनिक किया था। उसके बाद बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री बिंदेश्वरी दुबे की सरकार में गलत दस्तावेजों के आधार पर नाबार्ड से 350 करोड़ रुपए अग्रिम लेने के कागजातों को 1986 में सार्वजनिक किया था। 1987 में उन्होंने बिहार सहकारिता के बेताज बादशाह कहे जाने वाले स्व. तपेश्वर सिंह की अध्यक्षता वाले बिस्कोमान द्वारा बड़े पैमाने पर नकली खाद खरीदने की पुष्टि करने वाले दस्तावेजों को उजागर किया था।
तीनों मामलों में दोषियों पर कार्रवाई हुई। परंतु किसी ने ऑफिशियल सिक्रेट एक्ट के आधार पर मेरे विरूद्ध कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं किया। 2006 में जब उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ किया था तब अवश्य उन्होंने उनके ऊपर ‘अनुसूचित जाति जनजाति अधिनियम’ के तहत प्राथमिकी दर्ज किया था जो चल नहीं सका। अब स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने उनके ऊपर प्राथमिकी करवाया है। ऐसा कर वे मान रहे हैं कि उनके द्वारा प्रसारित किए गए उनके भ्रष्टाचार के कागजात सही हैं। सरयू राय ने कहा कि वे पुन: स्वास्थ्य विभाग की संचिका के चार पृष्ठों को सार्वजनिक कर रहे है, जो स्वत: स्पष्ट है। इनमें एक सूची भी है, जिसके 14वें नंबर पर उस अधिकारी विजय वर्मा का नाम भी अंकित है, जिन्होंने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के आदेश पर उनके विरूद्ध प्राथमिकी किया है। इस सूची से स्पष्ट है कि न केवल स्वास्थ्य मंत्री ने बल्कि विभाग के सचिव सहित कई अधिकारियों को भी प्रोत्साहन राशि देने का आदेश संचिका में दिया है।
(जी.एन.एस)